Durgesh kumar: पंचायत के बनराकस इंजीनियरिंग से एक्टिंग तक, तीन बार फेल से क़ामयाबी तक

सार

Durgesh kumar: दुर्गेश कुमार को आज दुनिया में कौन नहीं जानता हैं, आज हम आपको उनके इतिहास से जुड़ी कई बातें याद दिलाएंगे। पंचायत के बनराकस उर्फ दुर्गेश कुमार, इनका अभिनय हाईवे, लापता लेडिस जैसे बेहतरीन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। जब भी भारत के सबसे मशहूर वेब सीरीज का जिक्र होता है। तो उसमें टीवीएफ (TVF) के वेब सीरीज, पंचायत के बनराकस यानी दुर्गेश कुमार के किरादर का ज़िक्र पहले होता है, जो इंडस्ट्री का जाना-माना चेहरा बन चुके हैं। इस किरदार को निभाकर वह घर-घर फेमस हो गए थे। भूषण के किरदार को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था। कई एक्टर्स भी उनके एक्टिंग के कायल हो गए हैं।

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पंचायत के बनराकस

Durgesh Kumar

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

दुर्गेश कुमार का जन्म 21 अक्टूबर 1944 को बिहार के दरभंगा जिले में हुआ था. दुर्गेश कुमार के पिता डॉ. हरिकृष्ण चौधरी दरभंगा के सीएम आर्ट्स कॉलेज में कॉमर्स के प्रोफेसर थे। अपनी स्कूली पढ़ाई दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज से पूरी की, इस बीच उनके बड़े भाई डॉ. शिवशक्ति चौधरी यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली जाना चाहते थे। जिसके बाद दुर्गेश अपने बड़े भाई के साथ साल 2001 में दिल्ली आ गए। और यहां आकर उन्होंने जय कटारिया के उद्देश्य थिएटर ग्रुप में एडमिशन लिया.। वहां उन्होंने लगभग 50 दिन तक काम को समझा और सिखा। और अपने करियर का पहला नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ किया। इस नाटक को अजय शुक्ला ने लिखा था। बता दें कि इस नाटक में दुर्गेश कुमार ने एक चपरासी का किरदार निभाया था।

Durgesh kumar: पंचायत के बनराकस इंजीनियरिंग से एक्टिंग तक, तीन बार फेल से क़ामयाबी तक

Durgesh kumar: From the failures to success

तीन बार फेल से कामियाबी तक:

जीनियरिंग के साथ-साथ थिएटर करने वाले दुर्गेश कुमार का करियर ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका और वह असफल हो गए। अभिनेता ने तीन बार परीक्षा पास करने की कोशिश की लेकिन हर बार असफल रहे। इसके बाद उन्होंने हार मान ली और हिंदी साहित्य में ग्रेजुएशन करने का फैसला किया। इस बार भी उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ थिएटर भी जारी रखा। उन्होंने एनएसडी(NSD) के लिए फॉर्म भी भरा, लेकिन पहले प्रयास में उनका चयन नहीं हो सका. इसके बाद उन्होंने Shri ram Centre of Performing Arts and Culture से दो साल का डिप्लोमा किया। और फिर साल 2008 में उनका चयन एनएसडी (NSD) में हो गया। यहां भी उन्होंने खूब थिएटर किया और फिर उन्हें नौकरी मिल गई।

इंजीनियरिंग से एक्टिंग तक

हाईवे और पंचायत सीरीज के अलावा दुर्गेश कुमार ने कई अन्य फिल्मों में भी काम किया है। वह हर फिल्म में अपने किरदार में डूबने की कोशिश करते हैं और उसे वास्तविक बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अभिनय के प्रति अपने जुनून के बारे में बात करते हुए दुर्गेश कहते हैं, अगर मैं फिल्म ‘हाईवे’ की बात करूं तो अपने किरदार को निभाने के लिए मैंने करीब बीस दिनों तक नहाया नहीं था। दरअसल, मैं और निर्देशक इम्तियाज अली चाहते थे कि फिल्म में मेरा किरदार बिल्कुल स्वाभाविक लगे।

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